महोदय हुए निलंबित.

संभागायुक्त डॉ. वीरेन्द्र सिंह रावत ने ए.पी.सी. जिला शिक्षा केन्द्र छतरपुर (मूलपद प्रधानाध्यापक माध्य. शाला) एस.जी. सिंह के द्वारा छात्रों को गुमराह करने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है.

जिला शिक्षा अधिकारी जिला छतरपुर द्वारा एस.जी. सिंह प्रधानाध्यापक शासकीय माध्यमिक शाला नारायणपुरा संकुल म.ल.बा.शा. कन्या उ.मा.वि. छतरपुर द्वारा की गई अनियमितताओं के संबंध में जॉच कर जॉच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था.

कलेक्टर छतरपुर के निर्देशानुसार सीबीएसई पाठ्यकम के अशासकीय विद्यालयों के मेधावी छात्रों की जानकारी दिनांक 19.05.2023 तक जिलान्तर्गत विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों से चाही गई थी, किन्तु एस.जी. सिंह, के द्वारा छात्रों को गुमराह करते हुये दिनांक 19.05.2023 को कलेक्टर कार्यालय जिला छतरपुर में उपस्थित होने के निर्देश दिये, श्री सिंह द्वारा कलेक्टर की अनुमति के बिना ही मेधावी छात्र-छात्राओं को कलेक्टर कार्यालय छतरपुर में उपस्थित कराया गया, जिस पर कलेक्टर छतरपुर द्वारा अप्रसन्नता व्यक्त करते हुये एस.जी. सिंह को कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किये जाने के निर्देशित दिये गये. कलेक्टर द्वारा दिये गये निर्देश के अनुक्रम में कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर 02 दिवस की समयावधि में प्रतिवाद चाहा गया, जिसका प्रतिउत्तर अप्राप्त है.

जिला शिक्षा अधिकारी छतरपुर द्वारा दिनांक 28.07.2023 को शासकीय माध्यमिक शाला नारायणपुरा का आकस्मिक निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान एस.जी. सिंह अनाधिकृत रुप से अनुपस्थित पाये गये, छात्र संख्या न्यून पाई गयी, बच्चों का शैक्षणिक स्तर भी न्यून पाया गया, विद्यालय के शौचालय में साफ-सफाई का अभाव पाया गया, कर्मचारी उपस्थिति पंजी के पूर्व पृष्ठों का अवलोकन करने पर यह संज्ञान में आया कि श्री सिंह विविध निरीक्षणों में कर्तव्य पर अनाधिकृत रुप से अनुपस्थित पाये गये हैं, निरीक्षणकर्ता अधिकारियों द्वारा उपस्थिति पंजी में प्रश्नवाचक चिन्ह भी अंकित किये गये हैं. परंतु उपस्थित होने के बाद उनके द्वारा सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना कर्मचारी उपस्थिति पंजी में ओ.डी./ हस्ताक्षर कर लिये गये हैं. उपरोक्तानुसार गंभीर अनियमितताओं को दृष्टिगत कर दिनांक 02.08.2023 के द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर 02 दिवस की समयावधि में समाधान कारक प्रतिवाद चाहा गया, जिसका प्रतिउत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया.

संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग सागर द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव एवं जिला शिक्षा अधिकारी छतरपुर से प्राप्त जॉच प्रतिवेदन के अवलोकन एवं परीक्षण करने के उपरांत प्रथम दृष्ट्या पाया गया है कि एस.जी. सिंह के द्वारा शासकीय दायित्वों के प्रति स्वेच्छाचारी व लापरवाह है. उनका उक्त कृत्य अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में अनुशासनहीनता का द्योतक होकर म०प्र० सिविल सेवा आचरण नियम उपनियम का उल्लघंन है. म०प्र० सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम अन्तर्गत प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है. निलंबन अवधि में श्री सिंह का मुख्यालय, कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जिला छतरपुर नियत किया गया है. निलंबन अवधि में श्री सिंह को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी.