◽️ 03अप्रैल को मनाई जायेगी आदिनाथ जयंती.

प. पू. वैज्ञानिक संत पाठशाला सम्वर्धक आचार्यश्री निर्भयसागर जी महाराज ससंघ का तपोवन तीर्थ बहेरिया तिराहा, सिद्गुआ सागर से विहार करके श्रीचंद्रप्रभ दिगंबर जैन मन्दिर, बाहुबली कॉलोनी पहुंचे. वहाँ सकल जैन समाज के द्वारा अपने अपने घरों के सामने रंगोली बनाकर,आचार्यश्री का पाद् प्रक्षालन एवं आरती की गई. आचार्यश्री ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए अपने प्रवचन में कहा कि धर्म के मर्म को जानना चाहिए. धर्म के मर्म को जाने बिना की गई क्रिया मात्र बाहरी दिखावा रह जाती है. धर्म धारण करने की वस्तु है, प्रदर्शन की नहीं. पुण्य से प्राप्त धन वैभव में अटकना नहीं और अपने आत्म लक्ष्य से भटकना नहीं. पुण्य परमात्मा बनने के लिए मिला है, पाप करने के लिए नहीं. धार्मिक क्षेत्रों में उत्साह होना चाहिए उद्माद नहीं. सामाजिक क्षेत्र में उद्यम होना चाहिए, ऊधम नहीं. आचार्यश्री ने कहा दिन में तीन बार पूजा करना चाहिए. प्रातःकाल जिनेन्द्र भगवान की, दोपहर में गुरु की और शाम को जिनवाणी मां की पूजा करनी चाहिए. जैन समाज बाहुबली कालोनी के समस्त पदाधिकारियों ने आचार्यश्री निर्भय सागर जी महाराज के चरणों में श्रीफल‌ समर्पित करके 3 अप्रैल को आने वाली नौमी के दिन प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान के जन्मकल्याणक महोत्सव में सानिध्य की स्वीकृति हेतु निवेदन किया. आचार्यश्री ने सानिध्य प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान की. 3 अप्रैल तक आचार्यश्री बाहुबली कालोनी में विराजमान रहेंगे. प्रतिदिन प्रातः अभिषेक शांतिधारा के उपरांत 8:30 बजे से मंगल प्रवचन होंगे.