सागर : बहता हुआ सीवेज जल स्रोतों में न मिले- विधायक

जरा सा भी वेस्ट वॉटर व खुले में बहता हुआ सीवेज जल स्रोतों में न मिले, अपशिष्ट जल पर्यावरण कुआँ, तालाब, बावड़ी नदियों या सतही जल निकायों को प्रदूषित न करे और विभिन्न प्लांटों से प्राप्त ट्रीटेड वॉटर की एक भी बूंद वेस्ट न हो, इसका विशेष ध्यान रखते हुए वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट और सीवर ट्रीटमेंट प्लांट आदि के प्रबंधन में सुधार करें और प्रबंधन बेहतर बनाएं।

उक्त निर्देश विधायक शैलेन्द्र कुमार जैन ने निगमायुक्त राजकुमार खत्री और निगमाध्यक्ष वृंदावन अहिरवार के साथ लाखा बंजारा झील किनारे मोंगा बंधान के पास बने वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण कर दिये।

उन्होंने कहा की शहर में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट और वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने का उद्देश्य ही यही है की जल के उपयोग और प्रबंधन को बेहतर बनाया जा सके। सागर शहर को जीरो लिक्विड डिस्चार्ज शहर के रूप में विकसित करना हमारा प्रयास है, ताकि जल एवं पर्यावरण के संरक्षण के हमारे सामूहिक प्रयास शत-प्रतिशत सफल हों। पेयजल की एक भी बूंद बर्बाद न हो यह हमारा प्रयास होना चाहिए।

उन्होंने झील की पेरीफेरी में बिछाई गई नालाटेपिंग पाईपलाईन से प्रतिदिन बहकर आने वाले वेस्ट वॉटर और यहां प्लांट के माध्यम से ट्रीट होने वाले ट्रीटेड वॉटर की सेम्पलिंग कराने के निर्देश देते हुए कहा की दिन में अलग-अलग समय पर सेम्पल लेकर पानी की गुणवत्ता का परीक्षण करें। उन्होंने वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट संचालक और सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के प्रतिनिधि को फटकार लगाते हुए कहा की शहर की नालियों में सीवर और वेस्ट वॉटर न बहे इसका समुचित प्रबंध करें। आवश्यकता पड़े तो सीवर प्रोजेक्ट प्रबंधक झील के पास मोंगा बधान से होते हुए शीतला माता मंदिर तक एक पाईप लाईन बिछाएँ और बिना ट्रीट किया हुआ पानी इस पाईप लाईन से शीतलामाता पंपिंग स्टेशन पर पहुंचाकर ट्रीट करने का प्रबंध करें। शहर में जहाँ भी सीवर के हॉउस होल्ड कनेक्शन होना बांकी हैं उन्हें सीवर लाईन में जोड़ने का कार्य शीघ्र पूरा करें। ताकि नालियों में सीवेज बिल्कुल भी न बहे।

उन्होंने कहा की मोंगा जो की अभी नाले के रूप में बह रहा है।अनुपयोगी बना हुआ है इसे एक स्वच्छ जल की नहर के रूप में विकसित किया जा सकता है इसके जैसे चौड़े जल ग्रहण क्षमता वाले नाले-नहर आदि को चिन्हित कर आवश्यकता अनुसार चेकडेम बनाकर गेट लगाएं और वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट से प्राप्त होने वाला ट्रीटेड वॉटर यहां स्टोर करें। इस ट्रीटेड स्वच्छ जल से इसके आसपास का ग्राउंड वॉटर रिचार्ज सिस्टम बेहतर होगा। जलग्रहण क्षमता बढ़ने से यहां के कुआँ बावड़ी आदि जल के स्रोतों का जल स्तर बढ़ेगा। यह स्वच्छ जल नागरिकों के लिए कपड़े धुलाई, वाहन धुलाई, सिंचाई जैसे अन्य द्वितीयक कार्यों में उपयोगी बनेगा और मीठे पानी पेयजल पर निर्भरता कम होगी। मीठे पानी के स्रोतों पर दवाब कम होगा। इसके साथ ही स्वच्छ जल में नौकायान व अन्य गतिविधियां भी संचालित करने के अवसर बढ़ेंगे।

निरीक्षण के दौरान नगर निगम एवं स्मार्ट सिटी के इंजीनियर्स सहित ठेकेदार एजेंसी के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।