सागर का स्मार्ट बच्चा : अनय 

सागर का नन्हा बालक अनय गौतम, उम्र सिर्फ 7 साल, लेकिन इन जनाब के कारनामें आप देखेंगे और सुनेंगे, तो दांतों तले उंगलियां दबा लेंगे. क्योंकि इतनी कम उम्र में इनका आईक्यू लेवल सामान्य बच्चों से कहीं ज्यादा है. इनकी मेमोरी ऐसी है कि एक बार जो पढ़ ले, तो साल भर जस का तस याद रखते हैं. दुनिया के नक्शे वाली पजल में कुछ ही देर में सभी देशों को उनकी सही जगह पर फिट कर देते हैं. इतना ही नहीं किसी भी देश का फ्लैग दीजिए, अनय उसे सही जगह पर फिट कर देते हैं. ऐसे बच्चों को गिफ्टेड चाइल्ड (प्रतिभावान) कहा जाता है.

अपनी उम्र के बच्चों से हटकर है अनय गौतम

सामान्य बच्चों की तरह नजर आने वाले अनय असल में अपनी उम्र के बच्चों से ज्यादा एक्टिव, ज्यादा आईक्यू लेवल और शार्प मेमोरी के लिए जाने जाते हैं. इनकी खासियत आप सुनेंगे, तो लगेगा कि ये बच्चा जन्मजात जीनियस है. अनय की खासियत ये है कि इनको अंग्रेजी के अलावा मंगोलियन और अरेबिक अल्फाबेट आते हैं. अनय के पिता फिजिक्स के टीचर हैं और वो जब बच्चों को पढ़ाते हैं और फिजिक्स के डेरिवेशन बताते हैं, तो अनय पिता के साथ दूसरे बोर्ड या कॉपी पर तुरंत डेरिवेशन को हूबहू उतार देता है.

अनय को भारत के सभी राज्यों की राजधानी जबानी याद है. अगर अनय को किसी देश का फ्लैग दिया जाए, तो वो दुनिया के नक्शे पर कुछ ही सेकंड में उस फ्लैग को वहीं लगा देते हैं, जहां उस देश का नक्शा है. ड्राइंग और क्ले मॉडलिंग अनय को बेहद पसंद है.

स्कूल जाने लगा अनय तब पता चली खासियत

अनय की मां दीक्षा गौतम बताती हैं कि “जब तक अनय स्कूल नहीं गया, तो हम लोगों को पता नहीं चला कि यह अपनी उम्र के बच्चों से हटकर है. इसका एडमिशन जब केंद्रीय विद्यालय- 3 में हुआ था, तो वहां के टीचर्स ने बताया कि आपका बच्चा हाइपर एक्टिव बच्चा है. ये स्कूल में बैठता नहीं है और कुछ न कुछ करता रहता है. इसका आईक्यू लेवल अपने साथ के बच्चों से ज्यादा है.” स्कूल के स्पेशल एजुकेटर ने हमें बताया कि “ये सामान्य बच्चों से अलग है और क्रिएटिव भी है.

अनय की हाइपर एक्टिविटी को कंट्रोल में करना हमारे लिए काफी चुनौतीपूर्ण था, लेकिन हमें जानकारी मिलने के बाद हमने अनय को हमेशा ऐसी एक्टिविटी की तरफ बढ़ाया कि उसका ध्यान न भटके और वो कोई गलत एक्टिविटी न करे.” दीक्षा गौतम बताती हैं कि “इसकी मेमोरी काफी शार्प है. जो एक बार सीखता है, वो 8 महीने से साल भर तक ज्यों का त्यों याद रहता है. इसके अलावा ड्राइंग पेंटिंग का काफी शौक है, लेकिन कोई भी एक्टिविटी में उसका ज्यादा देर तक मन नहीं लगता है.”

क्या कहते हैं अनय के पिता

अनय के पिता अखिलेश गौतम शासकीय स्कूल में फिजिक्स के टीचर हैं और घर पर भी बच्चों को ट्यूशन पढाते हैं. अखिलेश गौतम बताते है कि “मैंने देखा कि जब मैं घर पर 12वीं के बच्चों को फिजिक्स पढ़ाता था और बोर्ड पर कोई भी डेरिवेशन हल करता था, तो मैंने कई बार देखा कि मेरा किया हुआ डेरिवेशन अनय ज्यों का त्यों बोर्ड पर कर देता था. हालांकि मैं इसे सामान्य मानता था. इसके अलावा मैनें देखा कि क्ले से इसने कई चीजें बनाई. इसके अलावा अनय को अलग-अलग भाषा के अल्फावेट भी आते हैं. ये सब देखने के बाद मैंने सोचा कि ये कुछ हटकर है.

इसके बाद मेरी मुलाकात स्पेशल एजुकेटर दीपक ठाकुर से हुई और उन्होंने बताया कि असल में अनय गिफ्टेड चाइल्ड है और सामान्य बच्चे से इसका आईक्यू लेवल, मेमोरी और एक्टिविटी ज्यादा है.” एक अभिभावक के तौर पर अखिलेश बताते हैं कि “हमें अनय को अन्य बच्चों की अपेक्षा थोड़ा ज्यादा ध्यान रखना होता है. हमें इसके साथ इन्वॉल्व रहना पड़ता है. उसको घुमाने के लिए पार्क ले जाना होता है और उसकी एक्टिविटी पर नजर रखनी होती है.”

इसके साथ ही इनकी याद रखने की क्षमता अन्य बच्चों से ज्यादा होती है. इन बच्चों के साथ परेशानी ये होती है कि इनके एनर्जी लेवल को आप कंट्रोल कैसे करेंगे. इनके एनर्जी लेवल को कंट्रोल करने के लिए कई तरह की एक्टिविटी प्लान करनी होती है कि ये हमेशा व्यस्त रहें. अगर ये व्यस्त नहीं रहेंगे, तो आक्रामक होंगे और हाइपर होकर गलतियां करेंगे.”

12 साल की उम्र तक रखना होगा विशेष ध्यान

दीपक ठाकुर बताते हैं कि “अगर इन बच्चों पर ध्यान नहीं दिया जाए, तो बच्चे हाइपर होने लगते हैं. उनका मानना है कि ऐसा कुछ ही बच्चों में होता है और इसका कारण आनुवंशिक और घर का वातावरण भी होता है. इन बच्चों पर 12 साल की उम्र तक विशेष नजर रखनी होती है और इन्हें अलग-अलग एक्टिविटी में व्यस्त रखना होता है. नहीं तो ये अपने आईक्यू और एनर्जी लेवल का गलत उपयोग कर सकते हैं.”