मकरोनिया : ग्रामीण कांग्रेस की नई राजनैतिक बिसात

सागर ज़िला ग्रामीण कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह मुहासा 4 सितंबर को नरयावली विधानसभा क्षेत्र से “वोट अधिकार यात्रा” का आगाज़ करने जा रहे हैं।

यह कार्यक्रम कांग्रेस संगठन की सक्रियता दिखाने और जमीनी कार्यकर्ताओं को जोड़ने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही यह यात्रा केवल संगठन की सक्रियता का संकेत नहीं, बल्कि सीधे-सीधे भाजपा के परंपरागत गढ़ में दस्तक देने की कोशिश है । 

भाजपा का मजबूत गढ़ नरयावली विधानसभा

नरयावली विधानसभा क्षेत्र राजनीतिक रूप से भाजपा का मज़बूत गढ़ माना जाता है। ऐसे में कांग्रेस की यह यात्रा न सिर्फ कार्यकर्ताओं के उत्साह का इम्तिहान होगी, बल्कि नेतृत्व की संगठन संभालने की क्षमता का भी परीक्षण साबित होगी । भूपेंद्र मुहासा के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही होगी कि क्या वे स्थानीय स्तर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एकजुट कर भाजपा के प्रभाव को चुनौती दे पाएंगे।

 दूसरी तरफ यह “वोट अधिकार यात्रा” कांग्रेस के जनाधार को मापने का प्रयास होगा । क्या आम मतदाता संगठन की इस पहल से प्रभावित होता है या यह केवल कार्यकर्ताओं तक ही सीमित रह जाता है ?

गाँव-गाँव पहुंचकर वोट के महत्व पर चर्चा करना, किसानों और ग्रामीण युवाओं की समस्याओं को उजागर करना और भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाना—यात्रा का मुख्य एजेंडा हो सकता है ऐसा अनुमान है, लेकिन ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष का “वोट अधिकार यात्रा” को लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है। सवाल यही है कि क्या कांग्रेस इस एजेंडे को लगातार ज़मीन पर उतार पाएगी या यह शक्ति प्रदर्शन एक दिन की हलचल बनकर रह जाएगा?

भूपेंद्र मुहासा की वोट अधिकार यात्रा कांग्रेस के संगठनात्मक भविष्य और ग्रामीण इलाकों में पकड़ को परखने का अहम पड़ाव है। अगर यह यात्रा कार्यकर्ताओं को एकजुट कर पाई और जनता से जुड़ाव बना सकी, तो यह सागर जिले की राजनीति में कांग्रेस को नई ऊर्जा दे सकती है। लेकिन यदि यह केवल दिखावटी आयोजन रह गया, तो कांग्रेस की जमीनी कमजोरी और अधिक स्पष्ट हो जाएगी।