सवा तीन सौ डॉक्टरों का काला विरोध

महाराष्ट्र के सतारा जिले में एक महिला डॉक्टर के साथ हुए अमानवीय व्यवहार तथा उत्पीड़न की घटना के विरोध में, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) सागर शाखा के सभी सदस्य आज काली पट्टी बांधकर कार्यस्थलों पर उपस्थित हुए।

इस सामूहिक मौन विरोध में जिले भर के लगभग सवा तीन सौ से अधिक डॉक्टरों ने हिस्सा लिया। सतारा की उक्त महिला डॉक्टर को कथित रूप से फर्जी प्रमाणपत्र बनाने के दबाव, पुलिस द्वारा उत्पीड़न, तथा एक सांसद एवं उसके निजी सहायक द्वारा प्रताड़ना का सामना करना पड़ा था।

इस अमानवीय व्यवहार के कारण वह आत्महत्या के लिए विवश हुईं, जिससे पूरे चिकित्सा समुदाय में गहरा आक्रोश व्याप्त है। आईएमए सागर के नवनिर्वाचित अध्यक्ष डॉ. तल्हा साद एवं सचिव डॉ. रोशी जैन ने बताया कि डॉक्टरों के खिलाफ लगातार बढ़ती हिंसक और अपमानजनक घटनाएं गंभीर चिंता का विषय हैं। उन्होंने कहा कि संबंधित महिला डॉक्टर ने अपने उत्पीड़न की शिकायत पूर्व में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से भी की थी, किन्तु नेताओं और पुलिस तंत्र के कथित आपराधिक गठजोड़ के कारण न्याय नहीं मिल सका। डॉ. तल्हा साद ने कहा कि वर्तमान समय में चिकित्सीय पेशा सबसे अधिक जोखिमपूर्ण होता जा रहा है। समाज, डॉक्टरों से आदर्श नैतिकता की उम्मीद करता है, लेकिन आवश्यक है कि उन्हें भी सम्मानजनक और सुरक्षित कार्य वातावरण मिले। आईएमए सागर ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई की अपील की है, ताकि भविष्य में चिकित्सा कर्मियों के साथ इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हो.