पानी की हर धार पर निगरानी

“अब हर बूंद होगी कीमती — निगम का फोकस ‘जल अनुशासन’ पर”

सागर /  नगर पालिक निगम में महापौर श्रीमती संगीता सुशील तिवारी की अध्यक्षता में जलप्रदाय शाखा की महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक हुई, जिसमें एमआईसी सदस्य श्रीमती संगीता शैलेष जैन भी उपस्थित रहीं। बैठक का माहौल ऐसा था मानो ‘जल गंगा मिशन’ खुद शहर की सप्लाई पाइपों में उतर आया हो — उद्देश्य एक ही, “हर बूंद का सम्मान और अपव्यय पर विराम।”

महापौर ने बैठक में साफ कहा कि शहर के कई क्षेत्रों में अब भी डबल पाइप लाइनें चल रही हैं, जिससे कीमती पेयजल का नुकसान हो रहा है। उन्होंने निर्देश दिए कि एक सप्ताह के भीतर पुरानी पाइप लाइनों को चिन्हित कर बंद किया जाए, ताकि जलस्रोतों पर दबाव कम हो और नागरिकों को नियमित, स्वच्छ पेयजल मिल सके।

उन्होंने कहा कि जलसप्लाई का समय तय न होने से नागरिकों को अनावश्यक परेशानी झेलनी पड़ती है, इसलिए अब हर वार्ड के लिए फिक्स टाइम टेबल तैयार किया जाएगा। इससे न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि पानी की बर्बादी पर भी नियंत्रण होगा।

महापौर ने यह भी निर्देश दिए कि जिन स्थानों पर डायरेक्ट बूस्टिंग से पानी दिया जा रहा है, वहां यह व्यवस्था टंकी के माध्यम से नियमित सप्लाई में बदली जाए। दयानंद वार्ड, भगवानगंज और सूबेदार वार्ड जैसी जगहों पर पाइप लाइन और प्रेशर की शिकायतों को तुरंत दूर करने के आदेश भी दिए गए।

उन्होंने कहा कि “पानी के साथ लापरवाही अब नहीं चलेगी।” टोंटी अभियान के तहत हर नल में टोटी लगाई जाएगी, जिसकी सतत मॉनिटरिंग निगमायुक्त कर रहे हैं। जहां भी पानी बह रहा है या सड़कों पर गंदगी फैल रही है, वहां तुरंत टोंटी लगाकर रिसाव बंद करने के निर्देश दिए गए।

महापौर ने अधिकारियों से कहा कि वे वार्ड पार्षदों के साथ समन्वय बनाकर कार्य करें, क्योंकि पार्षद ही स्थानीय स्थिति को सबसे बेहतर जानते हैं। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि पाइप लाइन टूटने या पानी बहने जैसी शिकायतें अब “शहर की स्वच्छता और साख दोनों पर सवाल” बनेंगी, इसलिए हर अधिकारी जवाबदेह रहेगा।

बैठक में यह भी तय किया गया कि जलप्रदाय शाखा आने वाले दिनों में एक ‘शहर जल अनुशासन योजना’ पर काम करेगी — ताकि हर बूंद सुरक्षित रहे, हर घर को समय पर पानी मिले और सड़कों पर अब कभी पानी न बहे।