स्मार्ट सिटी सागर में इंसानियत और ईमानदारी का एक अनोखा उदाहरण सामने आया है। कटरा मस्जिद से सरकारी बस स्टैण्ड तक पहुँचे यात्री अरुण पाराशर का पर्स, मोबाइल और जरूरी कागजात कल ऑटो में छूट गए थे। पर्स में ₹7200 नकद, एटीएम और आधार कार्ड जैसे अहम दस्तावेज भी मौजूद थे।
लेकिन इस मुश्किल घड़ी में ऑटो चालक जयराम रजक ने अपनी ईमानदारी से समाज को एक बड़ा संदेश दिया। उन्होंने सामान मिलने के बाद तुरंत इसकी सूचना ऑटो यूनियन अध्यक्ष पप्पू तिवारी को दी और दोनों मिलकर गोपालगंज थाना पहुँचे।
पुलिस की मौजूदगी में पूरा सामान यात्री अरुण पाराशर को लौटाया गया। इस नेक काम ने जयराम रजक को शहर भर में ईमानदारी का प्रतीक बना दिया।
गरीबी में भी इंसानियत कायम
जयराम रजक का परिवार किराये का ऑटो चलाकर ही अपना भरण-पोषण करता है। आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने लालच छोड़कर सच्चाई का रास्ता चुना। यह घटना साबित करती है कि ईमानदारी ही सबसे बड़ा धन है।
पहले भी दिखी है ऑटो चालकों की ईमानदारी
ऑटो यूनियन अध्यक्ष पप्पू तिवारी ने बताया कि इससे पहले भी कई ऑटो चालकों ने बहुमूल्य सामान लौटाकर शहर में मिसाल कायम की है।
◾️एक ऑटो चालक पप्पू अहिरवार ने शादी के लिए गहना खरीदने आई महिला का गहनों से भरा बैग लौटाया था।
◾️जैन संत सुधा सागर जी महाराज के चौमासे के दौरान भी कई ऑटो चालकों ने सवारियों का छूटा सामान वापिस किया।
समाज के लिए प्रेरणा
इस घटना ने यह संदेश दिया है कि ईमानदारी और इंसानियत आज भी जिंदा है। ऐसे कर्मवीर ही समाज को सही दिशा दिखाते हैं।










