सागर : कांग्रेस का चेतावनी भरा कैंडल मार्च:

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप पीने से 20 से अधिक मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत पर प्रदेशव्यापी आक्रोश की लहर के बीच आज सागर में जिला कांग्रेस कमेटी शहर एवं ग्रामीण के संयुक्त तत्वावधान में अत्यंत आक्रामक विरोध दर्ज कराया गया। प्रदर्शन में वरिष्ठ नेता, पदाधिकारी व कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए।

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी के निर्देश पर, यह विरोध कार्यक्रम गौर मूर्ति स्थित कांग्रेस कार्यालय से शुरू होकर कटरा जय स्तम्भ तक आक्रोशपूर्ण कैंडल मार्च के रूप में आयोजित किया गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने “हत्यारी सरकार” और “संवेदनहीन स्वास्थ्य मंत्री” के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कैंडल मार्च में शामिल सैंकड़ों लोगों ने हाथों में मोमबत्तियाँ लेकर उन मासूमों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की, जिनकी जान राज्य की चरमराई हुई स्वास्थ्य व्यवस्था की भेंट चढ़ गई।

जिला कांग्रेस कमेटी (शहर) के अध्यक्ष महेश जाटव ने इस घटना को सरकारी लापरवाही की पराकाष्ठा बताते हुए कहा: “यह कोई दुर्घटना नहीं है, यह सीधी-सीधी सरकारी संरक्षण में की गई हत्या है । जब स्वास्थ्य मंत्री के गृह क्षेत्र में ही बच्चों को जहर वाली कफ सिरप मिलती हो और 20 से अधिक परिवारों के चिराग बुझ जाएँ, तो वह मंत्री कुर्सी पर बैठने का एक मिनट भी हकदार नहीं है। हम मांग करते हैं कि स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल को तत्काल बर्खास्त किया जाए और उन पर आपराधिक मुकदमा चलाया जाए। यह सरकार मासूमों के खून से रंगी हुई है ।

जिला कांग्रेस कमेटी (ग्रामीण) के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह मुहासा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा: “डबल इंजन की सरकार के ‘सुशासन’ का यह कैसा दावा है, जहाँ बच्चों के लिए दवा भी जानलेवा साबित हो रही है? सरकार सिर्फ झूठे प्रचार में व्यस्त है, जबकि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर है। मृतक बच्चों के परिवारों को तुरंत एक-एक करोड़ रुपए का मुआवज़ा मिलना चाहिए। यह कैंडल मार्च सत्ता को खुली चेतावनी है कि कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी। हमें न्याय चाहिए और दोषियों को सज़ा मिलनी चाहिए!”

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. संदीप सबलोक ने घटना पर गहरा दुख और रोष व्यक्त करते हुए कहा कि ​”जब एक माँ अपने बीमार बच्चे को दवा पिलाती है, तो उसे यह विश्वास होता है कि वह उसे जीवन दे रही है। लेकिन इस भाजपा सरकार के राज में वह दवा नहीं, बल्कि ज़हर निकला । छिंदवाड़ा की घटना सिर्फ एक खबर नहीं है, यह 20 घरों का वह चीत्कार है जो इस बहरी सरकार को सुनाई नहीं दे रहा है। क्या मंत्री जी की अंतरात्मा उन्हें एक पल भी कुर्सी पर बैठने की अनुमति देती है? यह अपराध है, और इस अपराध के लिए जिम्मेदार स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल को तुरंत जेल भेजा जाना चाहिए । यह सरकार संवेदना शून्य हो चुकी है।”

कैंडल मार्च के समापन पर, सभी कार्यकर्ताओं ने 20 से अधिक मृतक बच्चों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा और संकल्प लिया कि जब तक पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिलता और स्वास्थ्य मंत्री इस्तीफा नहीं देते, तब तक कांग्रेस का यह संघर्ष अनवरत जारी रहेगा।