कलेक्टर संदीप जी आर ने प्रतिबंधित कार्बाइड गन के संबंध में आज आतिशबाजी विक्रेता रमेश ताला वाला भाग्योदय की गोदाम पहुंचकर निरीक्षण किया एवं निर्देश दिए कि इस प्रकार की गन का न तो स्टोर हो और न किसी प्रकार का विक्रय हो अन्यथा कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने संपूर्ण आतिशबाजी भण्डारण केन्द्र का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर ही फायर उपकरण की टेस्टिंग भी कराई। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लोकेश सिन्हा, एसडीम अमन मिश्रा, तहसीलदार संदीप तिवारी, राहुल गौंड़ मौजूद थे।
कलेक्टर ने कार्बाइड गन से होने वाली दुर्घटना और संभावित खतरों से बचाव हेतु संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह अपने अपने क्षेत्र में कार्बाइड गन के उपयोग को रोकने के लिए विशेष निरीक्षण अभियान चलाएं। उन्होंने समस्त एसडीएम को निर्देश दिए हैं कि कार्बाइड गन के निर्माण, भंडारण, विक्रय और इस्तेमाल करने वालों पर सख्त कार्यवाही करें।
कलेक्टर ने बताया कि हाल ही में कैल्शियम कार्बाइड गन से होने वाली दुर्घटनाओं और उससे बच्चों के घायल होने की खबरें आ रही हैं। इसी बीच, बच्चों की आंखें खराब होने की खबर के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्बाइड गन के उपयोग पर सख्ती दिखाई है। उन्होंने कहा कि सागर में भी कार्बाइड गन से होने वाले खतरों से बचाव के लिए अधिकारियों को बाजारों के निरीक्षण करने और जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति कार्बाइड गन को बनाते, बेचते और उपयोग करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ममता तिमोरे एवं डॉ. प्रवीण खरे बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर ने बताया कि कार्बाइड गन का असर आंखों और शरीर के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। बच्चों और युवाओं में इसकी वजह से आंखों की चोटों के बढ़ते मामले सामने आ रहे हैं।
डॉ. प्रवीण खरे ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति की आंखों में कार्बाइड गन की चिंगारी या धुआं चला जाए, तो सबसे पहले आंखों को 15-20 मिनट तक हल्के पानी से धोएं। पानी बहाते समय प्रेशर बहुत ज्यादा न रखें। अगर व्यक्ति कॉन्टैक्ट लेंस पहने हुए है, तो उसे तुरंत निकाल दें। आंख धोते समय मुंह खुला रखें, ताकि गैस का दबाव कम हो, लेकिन आंखों पर दबाव न डालें और न ही किसी कपड़े या वस्तु से ढकें। साथ ही बिना देर किए निकटतम नेत्र चिकित्सक के पास जाएं।















