“एक बप्पा – तीन दरबार”

मीडिया इस बात की गवाह है कि परंपरागत बहुत पहले से ऐसा होता आया है कि श्रीगणेश चतुर्थी के चौथे या पांचवे दिन लहदरा नाका स्थित बड़ी नदी पर विसर्जन स्थल के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधि भी पहुंचते थे एक ही दिन एक ही समय पर बड़ी नदी पर विसर्जन के लिए व्यवस्थाओं का त्रिवेणी संगम नजर आता था न श्रेय लेने की होड़ न ज्यादा राजनैतिक जमावड़ा ।

लेकिन कुछ समय से एक ही पार्टी के विधायक महापौर अलग अलग विसर्जन स्थल की व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुचंने लगे और सरकार के प्रशासनिक नुमाईंदे भी मौजूदा सरकार के जनप्रतिनिधियों को तबज्जो दिए बिना अकेले विसर्जन स्थल की व्यवस्थाओं को व्यवस्थित करने निकल पड़ते हैं । साफ है कि सरकारी नुमाईंदों और पार्टी के जनप्रतिनिधियों के बीच एक राय एक सहमति नहीं है । मीडिया भी कन्फ्यूज है कि खबर किसकी लगायें क्यूँकि विसर्जन स्थल की व्यवस्थाओं के त्रिवेणी संगम में अलग अलग दिशा निर्देश अपने तरीके से जारी हुए हैं । 

शहर में गणेश विसर्जन की तैयारियों को लेकर महापौर, प्रशासन और विधायक तीनों ने अलग-अलग जाकर विसर्जन स्थलों का निरीक्षण किया। नज़ारा ऐसा लगा मानो तीनों ही अपने-अपने “गणपति बप्पा” को अपने तरीके से तालाब में विसर्जन करने की तैयारी कर रहे हों।

विसर्जन स्थल पर एक के बाद एक तीन बड़े चेहरों का आगमन हुआ ।

सबसे पहले सागर विधायक शैलेन्द्र जैन पहुँचे, विधायक के साथ निगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार भी थे । इन्होंने लेहदरा नाका विसर्जन स्थल का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए । निरीक्षण के दौरान विधायक श्री जैन ने कहा कि गणेश विसर्जन के समय भारी भीड़ एकत्रित होती है, ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं सुविधा सर्वोपरि है। उन्होंने नदी की सफाई और गहरीकरण, नदी में गेट लगाकर पानी रोकने की व्यवस्था, तथा पेवर्स ब्लॉक लगाकर स्थल को व्यवस्थित करने के निर्देश दिए। विधायक जैन एवं निगमाध्यक्ष अहिरवार ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि विसर्जन स्थल पर पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम तथा यातायात के लिए सुगम मार्ग तैयार किया जाए, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

महापौर श्रीमती संगीता सुशील तिवारी ने एम आईं सी सदस्यों एवं नगर निगम के अधिकारियों के साथ लेहदरा नाका स्थित श्री गणेश प्रतिमा विसर्जन स्थल का निरीक्षण कर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए । महापौर ने कहा कि श्री गणेश प्रतिमा विसर्जन के अवसर पर कोई भी परेशानी न हो, प्रतिमाओं का विसर्जन सुगमता से हो इसके लिए रैंप बनाए, नदी के किनारे सफाई कराएं। विसर्जन स्थल पर पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, बैठने के लिए कुर्सियां, चूना लाईन, नदी में प्रतिमाओं के विसर्जन के समय नदी में पानी, नाव सहित समस्त आवश्यक व्यवस्थाएं पूर्ण करने के निर्देश दिए।

सागर जिले के कलेक्टर संदीप जी आर के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट श्रीमती आरती यादव ने निगम उपायुक्त एसएस बघेल, तहसीदार संदीप तिवारी के साथ गणेश प्रतिमा विसर्जन स्थल लेहदरा नाका बड़ी नदी का स्थल निरीक्षण किया। उन्होंने निर्देश दिए कि विसर्जन स्थल पर पर्याप्त साफ सफाई के साथ नाव, गोताखोर, हाईड्रोलिक मशीन, बेरीकेटिंग, फायर ब्रिगेड, एम्बूलेंस, डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ सहित एवं पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित की जावे। श्रीमती आरती यादव ने कहा कि विसर्जन स्थल पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल भी मौजूद रहे जिससे कि क्रम के अनुसार ही गणेश प्रतिमा का विसर्जन आसानी से सुगमता से किया जा सके।

तो साहब, इस बार विसर्जन की तैयारियाँ कुछ ऐसी दिखीं जैसे नदी में मूर्तियों से ज़्यादा व्यवस्थाओं का ही मेला लगने वाला हो।

कलेक्टर के आदेश, महापौर के निर्देश और विधायक की चिंताएँ – सब अपने-अपने सुर में बजती नजर आईं ।

जनता सोच में पड़ गई कि बप्पा के लिए बनेगा रैंप पहले या भाषण का मंच?

 

अब तक परंपरा थी कि सब मिलकर एक ही तालाब पर खड़े होकर जिम्मेदारी निभाते थे, पर अब राजनीति का भी “त्रिवेणी संगम” अलग-अलग दिशाओं में बह रहा है।

मीडिया को समझ नहीं आ रहा कि किसकी तारीफ़ लिखे और जनता ये तय नहीं कर पा रही कि विसर्जन पहले होगा या श्रेय का विसर्जन पहले होगा।

आख़िरकार, नज़ारा ऐसा है मानो बप्पा भी मुस्कुराकर कह रहे हों –

“अरे भई, मैं तो पानी में विसर्जित हो जाऊँगा

तुम पहले अपनी-अपनी व्यवस्थाओं और क्रेडिट की नौका किनारे लगाओ।”