विश्व ध्यान दिवस के पूर्व विचार समिति द्वारा शहर में 50 विचार मोहल्ला टीमों के बीच ध्यान शिविरों की श्रृंखला शुरू की गई है। इसी क्रम में आज पहला ध्यान शिविर तिलकगंज वार्ड में आयोजित किया गया, जिसमें स्थानीय नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। शिविर में 35 से अधिक महिलाओं, पुरुषों और बच्चों ने इस शिविर का लाभ लिया। शिविर में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर जी के उपदेश वीडियो के माध्यम से प्रतिभागियों तक पहुंचाये गए।
शिविर का संचालन आर्ट ऑफ लिविंग के वरिष्ठ शिक्षक कपिल मलैया एवं संकल्प मलैया ने किया। दोनों प्रशिक्षकों ने प्रतिभागियों को सरल एवं प्रभावी तकनीकों के माध्यम से तनावमुक्त जीवन, सकारात्मक सोच और संतुलित दिनचर्या की दिशा में प्रेरित किया।

कपिल मलैया ने बताया कि नियमित ध्यान न केवल मन को शांत करता है, बल्कि शरीर में ऊर्जा का संचार भी करता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में बढ़ती भागदौड़ और तनावपूर्ण जीवनशैली में ध्यान एक मजबूत सहारा बन सकता है। उनके अनुसार, ध्यान करने से मानसिक एकाग्रता बढ़ती है, नींद में सुधार होता है एवं व्यक्ति अधिक संयमित और प्रसन्नचित्त महसूस करता है।
उन्होंने यह भी कहा कि विश्व ध्यान दिवस केवल एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य चेतना का एक बड़ा अभियान है, जिसका उद्देश्य ध्यान को घर-घर तक पहुंचाना है। विचार समिति का यह प्रयास उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले दिनों में शहर के विभिन्न वार्डों और मोहल्लों में ऐसे कई ध्यान शिविर लगाए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक लोग इससे जुड़ सकें और इसे अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना सकें।
विचार समिति के सदस्यों ने बताया कि इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य लोगों में सकारात्मकता, सौहार्द्र और स्वस्थ जीवन के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। शिविर के अंत में प्रतिभागियों ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे निरंतर जारी रखने की इच्छा व्यक्त की।
















